एटीएम यानी Automated teller Machine जितना फायदेमंद है. जानकारी के अभाव में नुकसान भी दे जाता है. हालांकि नुकसान का दायरा कम है. दरअसल, एटीएम से केवल लिमिट क्रॉस होने पर ही विड्रोल पर पैसा नहीं कटता बल्कि अगर आपके खाते में बैलेंस कम है और आप ट्रांजैक्शन कर रहे हैं तब भी आपके खाते से जुर्माने के रूप में पैसा कटेगा. यह खबर एटीएम का इस्तेमाल करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है.
आमतौर पर आप जितना जरूरत होता है उतना ही पैसा एटीएम से निकालते हैं और बैलेंस जाने बगैर भी कई बार ट्रांजैक्शन की कोशिश करते हैं. ऐसे में बैंक आप से पेनल्टी वसूल करता है.
कई बार ऐसा देखने में आता है कि बिना जानकारी के ग्राहक कम बैलेंस में अधिक पैसा निकालने की कोशिश करता है. जिस पर insufficient funds का मैसेज एटीएम की स्क्रीन पर दिखाई पड़ता है. ट्रांजैक्शन फेल होने पर ग्राहकों को बैंक को पैसा चुकाना पड़ता है.
कितना कटता है पैसा
एटीएम की स्क्रीन पर इंसफिशिएंट फंड्स का मैसेज अगर दिखाई देता है तो बैंक आपसे चार्ज वसूल करता है. हर बैंक इस नियम के मुताबिक अलग-अलग चार्ज वसूल करते हैं. यानी कुल मिलाकर कहें तो इंसफिशिएंट फंड्स लिखा मैसेज आपके लिए नुकसानदायक है.
कौन बैंक कितना चार्ज लेता है
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक समेत कई ऐसे बैंक है जो चार्ज बसूलते हैं. देश के सबसे बड़े और सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम ट्रांजैक्शन फेल होने पर आपको ₹20 जुर्माने के रूप में भरना पड़ता है. इतना ही नहीं जुर्माने की रकम के साथ आपको जीएसटी भी चुकाना पड़ता है. वहीं एचडीएफसीबैंक बैंक के ट्रांजैक्शन फेल होने पर ₹25 वसूले जाते हैं. साथ ही साथ जीएसटी भी देना पड़ता है. आईडीबीआई बैंक ट्रांजैक्शन फेल होने पर ₹20 वसूलता है. इसी तरह तकरीबन सभी बैंक 20 से लेकर ₹25 ट्रांजैक्शन फेल होने पर टैक्स के साथ लेते हैं. ऐसे में जुर्माना देने से बचने के लिए अपने खाते के बैलेंस को जरूर जान लें.
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